सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय
एमएसएमई मंत्रालय का विजन, मिशन और कार्य
विजनः
भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि के इंजन के रूप में वैश्विक प्रतिस्पर्धी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों का सतत विकास।
मिशन:
खादी ग्राम और कयर उद्योगों सहित सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की वृद्धि एवं विकास का संवर्धन करना ताकि नए उद्यमों एवं रोजगारों के अवसरों का सृजन किया जा सके। मंत्रालय का दीर्घकालीन लक्ष्य कौशल और उद्यमिता विकास के माध्यम से एमएसएमई के कार्यनिष्पादन में सुधार करके देश में विनिर्माण आधार को बढ़ावा देना है।
कार्य:
- एमएसएमई को सुविधा और ऋण प्रवाह
- एमएसएमई की प्रतिस्पर्धा में सुधार
- प्रौद्योगिकी उन्नयन के माध्यम से विनिर्माण आधार में सुधार
- क्लस्टर आधार संपर्क के माध्यम से एमएसएमई का संवर्धन करना
- एमएसएमईको विपणन सहायता
- कौशल विकास और उद्यमिता विकास प्रशिक्षण
- प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के माध्यम से नए सूक्ष्म उद्यमों का सृजन
- खादी और ग्रामोद्योग (केवीआई) क्षेत्र का विकास और वृद्धि
- कयरउद्योग का विकास और वृद्धि
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