15 वीं अंतर्राष्ट्रीय एसएमई बिजनेस सारांश


15वां वैश्विक एसएमई व्यवसाय सम्मेलन
वैश्विक मूल्य श्रृंखला के माध्यम से साझेदारी करना
19-20 दिसम्बर, 2018 हयात रिजेंसी, नई दिल्ली


  • ‘‘भारत सरकार भारतीय एमएसएमई को वैश्विक मानकों के अनुकूल बनाने के लिए लगातार कार्य करती रही है। सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप वैश्विक ईओडी ब्रैंकिंग में हमारी रेटिंग्स में सुधार हुआ है और जीवीसी के संबंध में एमएसएमई के समक्ष आई चुनौतियों का समाधान हुआ है’’, माननीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) राज्यमंत्री श्री गिरिराज सिंह ने नई दिल्ली में दिनांक 19-20 दिसम्बर, 2018 को सीआईआई की साझेदारी से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा आयोजित 15वें एसएमई वैश्विक सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान अपने मुख्य संबोधन में यह बात कही। इस वर्ष विषय का केंद्र ‘वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के माध्यम से साझेदारी करने’ के इर्द-गिर्द था और इसका लक्ष्य वैश्विक प्रवृत्तियों, अनुभव साझा करने के साथ-साथ वैश्विक परंपराओं एवं मानकों तथा विश्व भर से एसएमई के साथ बी2बी बैठक से भारतीय एमएसएमई को ऊपर उठकर उनकी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना था।

  • वैश्विक एसएमई व्यवसाय सम्मेलन ने भारत और विश्व के लिए आर्थिक कार्यकलापों के भवन ब्लॉकों को जोड़कर आर्थिक परिवर्तन के लिए एकल कार्यसूची बनाते हुए विजनरियों, थॉट लीडरों, नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों एवं कार्पोरेट प्रमुखों को सशक्तिपूर्वक एक साथ लाया। वैश्विक एसएमई व्यवसाय सम्मेलन के 15वें संस्करण ने विश्व अर्थव्यवस्था की असंख्य रूपरेखाओं को प्रकट किया और उन घटकों को परिभाषित किया जो सावधानीपूर्वक निर्मित पूर्ण सत्र एवं बहुत-से समांतर सत्रों और गोलमेज चर्चाओं जो अनुभवों के हिस्से बने, के रूप में नई ऊँचाइयों तक भारतीय अर्थव्यवस्था को ले जाएगा। हयात रिजेंसी, नई दिल्ली में आयोजित उद्घाटन सत्र में माननीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री गिरिराज सिंह, माननीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु, सचिव, सूलमउ मंत्रालय, डॉ अरूण कुमार पण्डा, श्री राकेश भारती मित्तल (अध्यक्ष, सीआईआई) तथा श्री श्रीकांत सोमानी (अध्यक्ष, सीआईआई राष्ट्रीय एसएमई परिषद्) उद्घाटन के दौरान सचिव, सूलमउ, डॉ अरूण कुमार पण्डा ने कहा कि जीएसटी के कार्यान्वयन से एमएसएमई ने अपने लाभ का कायापलट किया है।

  • विविध सत्रों एवं कार्यशालाओं ने हाल ही में राजधानी में आयोजित 15वें सीआईआई सम्मेलन को प्रधानता दी जिसमें उद्योग व्यावसायियों ने चर्चा की कि वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (जीवीसी) के साथ भारतीय एसएमई के एकीकरण मोड तक आने के लिए एसएमई के लिए समय की आवश्यकता कैसे है। शिक्षाप्रद एवं अवधारणा आधारित प्रेरणात्मक बातें वरिष्ठ उद्योगपतियों/विघटनकारी नवप्रवर्तकों/उद्यमी जो भारत में एमएसएमई के अंतिम लाभ के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर पथ प्रदर्शन कर रहे हैं, द्वारा की गई। इन सत्रों का नाम विघटनकारी नवप्रवर्तक आवाज (डाइव) रखा गया तथा उन्हें एकल वक्ता के रूप में रखा गया। चर्चा के बिन्दु डिजिटाइजेशन वित्तीय विश्लेषण पर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, 3डी प्रिंटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ट्रेड थ्रू ई कॉमर्स, ब्लॉक चेन और अन्य थे।
  • संचालक टी.के. अरूण, संपादक विचार, इकोनॉमिक टाइम्स, सत्र में विभिन्न तरीकों जिनमें सरकारी नीतियां और प्रक्रियात्मक सुधार ऐसे एकीकरण वास्तविक बनाने में मदद कर सके, को समझने की कोशिश की गई। उनके विचार के क्रम में, श्री राम मोहन मिश्र, अपर सचिव एवं विकास आयुक्त, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने उन पहलुओं पर प्रकाश डाला जो परस्पर लाभदायक अवसरों हेतु विचार किए जाने के लिए महत्वपूर्ण थे। एसएमई को कैसे समझा जाए पर बात करते हुए राधा एस चौहान, सीईओ, गवर्नमेंट ई-मार्केट (जेम) ने कहा कि उन्हें एकल एनटीटीज नहीं माना जाना चाहिए जहाँ एक आकार (साइज) उपयुक्त होता है। श्री कांत सोमानी, अध्यक्ष, सीआईआई राष्ट्रीय एमएसएमई परिषद ने कहा कि कुशल कार्यबल, ज्ञान, पर्याप्त वास्तविक अवसंरचना और पूँजीगत सम्मिश्रण (इन्फ्यूजन) में कुछ बाधाएं हैं जो एसएमई की कार्य क्षमता को रोकते हैं।
  • संचालिका श्रीमती अलका अरोड़ा, संयुक्त सचिव (एसएमई), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय वैश्विक एसएमई के सापेक्ष महत्व के देशों पर प्लेनरी सत्र में जाम्बिया, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार एवं नेपाल के प्रतिनिधिमंडलों की भागीदारी की साक्षी रही। उसी सत्र में पीयूष श्रीवास्तव, अपर विकास आयुक्त, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने एमएसएमई की सहायता करने के लिए 20 और प्रौद्योगिकी केंद्र कैसे स्थापित किए गए हैं, पर प्रकाश डाला।
  • संक्षेप में, महत्वपूर्ण संदेश में सर्वसम्मति से महसूस किया गया कि वैश्विक व्यापार के बदलते परिदृश्य ने चुनौतियों को स्वीकारने एवं उनके आस-पास कार्य करने के लिए भारतीय एसएमई के लिए इसे अनिवार्य बनाया जो वर्तमान में उनके विकास को रोकते हैं।
  • शिखर सम्मेलन के 15वें एडीशन ने चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, जाम्बिया, इथोपिया, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, कम्बोडिया और अन्य जैसे 30+ देशों, 100+ एसएमई पैन इंडिया, 20+ उद्योग और सरकार से वक्ता, एसएमई केंद्रित क्षेत्रों पर 100+ बी2बी बैठकें और कार्यशालाएं/मास्टर क्लास में भागीदारी साक्षी रही।